जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 अब इतिहास हो गया है। 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक पांच सदस्यीय बेंच ने इस पर मुहर लगा ली है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब इस चर्चा का कोई मतलब नहीं रह जाता क्योंकि जिस दिन जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना, तब से ही जम्मू कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई थी।
इस फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कहीं, जम्मू में जश्न का माहौल है तो कश्मीर के नेताओं में निराशा छाई हुई है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखा जा रही है। अफवाहों और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले पांच यूजर्स के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा चुका है।
जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हम संवेदनशील इलाकों में अधिक से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर रहे हैं और सोशल मीडिया गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। “हमने पहले ही कुछ जांच चौकियां स्थापित कर दी हैं और वाहनों और यात्रियों की जांच की जा रही है।”
शुक्रवार शाम को कानून एवं व्यवस्था के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार ने फैसले के किसी भी नकारात्मक परिणाम की योजना बनाने के लिए एक विशेष सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें शीर्ष पुलिस और खुफिया अधिकारी शामिल हुए।
सड़क से इंटरनेट पर कड़ी नजर
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “सभी जिला प्रमुखों को स्थिति पर नजर रखने और शरारत, गलत सूचना और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्स कार्रवाई करने पर जोर दिया जा रहा है।”
भड़काऊ पोस्ट पर पांच के खिलाफ मुकदमा
बैठक के एक दिन बाद पांच सोशल मीडिया यूजर्स पर मामला दर्ज किया गया। हालांकि, पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि पोस्ट में क्या था? लेकिन, बडगाम और गांदरबल जिलों में दो-दो और बारामूल से एक शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।