असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिये शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजना अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंशधारकों की संख्या 25 अगस्त तक 3.30 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने बुधवार को यह जानकारी दी। पीएफआरडीए ने बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष में 28 लाख से अधिक नए एपीवाई खाते खोले गए हैं। इस योजना की शुरुआत नौ मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। मुख्य रूप से इसका लक्ष्य असंगठित क्षेत्र है। कोई भी 18 से 40 वर्ष का नागरिक जिसका बैंक या डाकघर में बचत खाता हो, इस योजना से जुड़ सकता है। सरकार की गारंटी वाली इस योजना के तहत अंशधारक को 60 साल की सेवानिवृत्ति की आयु से उसके द्वारा किए गए योगदान के आधार पर 1,000 से 5,000 रुपये की पेंशन मिलती है। पीएफआरडीए के आंकड़ों के अनुसार, एपीवाई के अंशधारकों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा 2.33 करोड़ है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 61.32 लाख, निजी बैंकों में 20.64 लाख, लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों में सामूहिक रूप से 10.78 लाख, डाक विभाग में 3.40 लाख और सहकारी बैंकों में 84,627 एपीवाई खाते हैं। आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 24 अगस्त के दौरान एसबीआई, केनरा बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक से एक-एक लाख से अधिक एपीवाई खाते खोले। बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों की बात की जाए, तो उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा में 25 अगस्त तक 10 लाख से अधिक एपीवाई खाते थे। पीएफआरडीए ने कहा कि करीब 78 प्रतिशत अंशधारकों ने 1,000 रुपये की पेंशन योजना चुनी है। वहीं करीब 14 प्रतिशत ने 5,000 रुपये की पेंशन योजना का विकल्प चुना है।