समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कोविड- 19 को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की अदूरदर्शिता और समय पर निर्णय लेने की अक्षमता के चलते प्रदेश में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। अखिलेश ने कहा कि सरकार का सारा ध्यान राजधानी और महानगरों पर है, फिर भी हालत बेकाबू हैं। ऐसे में गांवों के लाखों ग्रामीणों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया है और वहां की बदतर होती जिंदगी पर किसी का ध्यान नहीं है।सोमवार को जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,”उत्तर प्रदेश में एक लाख गांव हैं जहां 70 प्रतिशत आबादी रहती है और 24 करोड़ की जनसंख्या वाला यह सबसे बड़ा राज्य है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान पलायन की विकट स्थिति पैदा हुई। पलायन के दौर में श्रमिकों को अमानवीय स्थितियों से गुजरना पड़ा और कइयों की जानें भी चली गई और आज फिर बड़ी संख्या में लोग गांवों में लौट रहे हैं।”उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को कहा,”वातानुकूलित कमरों में बैठ कर ट्वीट करने वालों को गांव और जमीन पर हो रहे कामों की जानकारी कैसे हो सकती है।” पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने आरोप लगाया कि जब गांवों में भीड़ बढ़ रही है, ऐसे समय में न तो वहां जांच और इलाज की व्यवस्था है और न ही रोजी-रोजगार की व्यवस्था है। कोरोना संक्रमण के चलते कृषि कार्य भी बंद हैं।सपा अध्यक्ष ने कहा,”भाजपा सरकार को सिर्फ चुनाव और सत्ता के खेल खेलना ही आता है। प्रबंधन तथा प्रशासन उसके बस का नहीं है । मुख्यमंत्री को अपनी अकर्मण्यता को स्वीकारते हुए हट जाना चाहिए। इससे रोज संक्रमण में जिंदगी हारते लोगों को राहत तो मिलेगी। यादव ने कहा कि चार वर्ष में ही प्रदेश का हाल बदहाल करने वाली भाजपा सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।”दूसरी ओर राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ ने एक बयान में दावा किया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 60 हजार निगरानी समितियां कोविड के खिलाफ महाअभियान चला रही हैं और समितियों के चार लाख सदस्य गांवों में घर-घर दस्तक दे कर न सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की टेसिंटग कर मुफ्त मेडिकल किट उपलब्ध करा रहे हैं।मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में निगरानी समितियों की तैनाती करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, लेकिन, वातानुकूलित कमरों में बैठ कर ट््वीट करने वालों को गांव और जमीन पर हो् रहे कामों की जानकारी कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से गांवों में वापस आ रहे 6,21,165 प्रवासियों की अब तक स्क्रीनिंग की गई है। अखिलेश ने स्क्रीनिंग के बाद 1,33,560 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। प्रदेश के जिलों में 566 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें जिला स्तर पर 187, तहसील स्तर 201, ब्लॉक स्तर पर 9 और पंचायत स्तर पर 169 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।